भटक रहे हैं मैं दर ब दर ,
जाने अब जाना है किधर।।
छोड़ दिया,दामन उनका,
छोडी उनके ,घर की डगर।
बदल दिया रास्ता भी अब,
बदल दिया शहर और सफ़र।।
खो गए ऐसे हम तो यहाँ,
है अपनी ना,उनकी खबर।।
ऐ खुदा मुश्किल हुए अब तो,
काटने ये शाम ओ सहर।
कर दे किस्मत का फैसला,
कर मुझे, या इधर या उधर।।
चल के नयी राहों पर अब ,
कौन जाने कैसा हो सफर।
भटकना ही लिखा है ,या
हो किस्मत कि मिले नया घर।।
11.21am 18 Jan 2020
जाने अब जाना है किधर।।
छोड़ दिया,दामन उनका,
छोडी उनके ,घर की डगर।
बदल दिया रास्ता भी अब,
बदल दिया शहर और सफ़र।।
खो गए ऐसे हम तो यहाँ,
है अपनी ना,उनकी खबर।।
ऐ खुदा मुश्किल हुए अब तो,
काटने ये शाम ओ सहर।
कर दे किस्मत का फैसला,
कर मुझे, या इधर या उधर।।
चल के नयी राहों पर अब ,
कौन जाने कैसा हो सफर।
भटकना ही लिखा है ,या
हो किस्मत कि मिले नया घर।।
11.21am 18 Jan 2020
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