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धुन: किसी पत्थर की मूरत से मोहब्बत का इरादा है
हुई जब से मोहब्बत है ,मिला मुझको किनारा है ।
कोई तनहाई में छेड़े, न मुझको अब गवारा है ।
सनम तेरी ही यादों में, गुजरते रात और ये दिन ।
हुआ है काटना अब तो ,कोई भी पल तुम्हारे बिन ।
तू अब इतना समझ ले बस, मुझे तेरा सहारा है ।
हुई जब से मोहब्बत है ,मिला मुझको किनारा है ।
बता अब हाल इस दिल का, तुझे कैसे बताऊं मैं।
नहीं कोई बिना तेरे, जिसे जाकर सुनाऊं मैं।
तेरी जो याद तड़पाती ,उसे कैसे हटाऊं मैं।
बता कैसे तेरी यादें ,धुएं में अब उडाऊं मैं।
तेरे बिन अब तो दुनिया में ,कहां मेरा गुजारा है ।
हुई जब से मोहब्बत है ,मिला मुझको किनारा है ।
बदल दुनिया गई मेरी, दिखा है जब से तू मुझको।
तेरे बिन चाह अब कोई, दुनिया की नहीं मुझको ।
समझ ले क्या मेरा अब तो, सनम तुझको इशारा है।
हुई जब से मोहब्बत है ,मिला मुझको किनारा है ।
कोई तनहाई में छेड़े, न मुझको अब गवारा है ।
12.49.pm 3 September 2021
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