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Wednesday, 15 September 2021

1770 ग़ज़ल गीत : मुझे झाड़ पर था चढ़ाया उसी ने ।

 धुन : तेरे प्यार का आसरा चाहता हूं 

        वफा कर रहा हूं वफा चाहता हूं

Qafia  Aaya काफि़या आया

Radeef Usi ne रदीफ़  उसी ने

122 122 122 122

है नींदो से मुझको जगाया उसी ने ।

है दिन-रात मुझको सताया उसी ने ।


बुलाते थे जो प्यार से पास अपने ।

दगा देके मुझ को भगाया उसी ने ।


दिखाता था जो प्यार करता है मुझसे 

है मुझको हमेशा , डराया उसी ने ।


किया जिसने मुझको जमाने में रुसवा ।

मुझे झाड़ पर था चढ़ाया उसी ने ।


चले आए थे तोड़कर दिल जो मेरा ।

बड़ी मिन्नतों से मनाया उसी ने ।


चढ़ाकर नशा प्यार का मुझको अपना ।

तमाशा मेरा फिर बनाया उसी ने ।

11.41am 14 Sept 2021

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