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Sunday, 2 May 2021

1634 शाँत रह के समां गुजा़र

 निकल जाएंगे मुसीबतों के पहाड़ से ।

शाँत रह के समां गुजा़र ,

क्या मिलेगा दहाड़ के।


मुश्किलें सिखा रही है तुझे हौसला रखना ।

यही सिखाएंगी तुझे ,

जीत का स्वाद भी चखना।


उठ खड़ा हो कर्म अपना तू करता जा।

मुश्किलों को पार कर,

मंजिलों की ओर बढ़ता जा।


एक दिन मिल जाएंगी सब मंजिलें तुझे ।

तू कर्म कर बस ,

नतीजे सामने मिल जाएंगे तुझे।

4.43pm 2 May 2021