निकल जाएंगे मुसीबतों के पहाड़ से ।
शाँत रह के समां गुजा़र ,
क्या मिलेगा दहाड़ के।
मुश्किलें सिखा रही है तुझे हौसला रखना ।
यही सिखाएंगी तुझे ,
जीत का स्वाद भी चखना।
उठ खड़ा हो कर्म अपना तू करता जा।
मुश्किलों को पार कर,
मंजिलों की ओर बढ़ता जा।
एक दिन मिल जाएंगी सब मंजिलें तुझे ।
तू कर्म कर बस ,
नतीजे सामने मिल जाएंगे तुझे।
4.43pm 2 May 2021
2 comments:
Super
Thanks ji
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