इस मरि शॉपिंग ने परेशान किया है ।
सबका इसने जीना हराम किया है ।
जब देखो बेल बज जाती है ।
बाहर कोरियर वाला खड़ा किया है ।
इस नाम से रहता है जी कोई,
यह कोरियर वाले ने फरमान किया है ।
ले आते हैं हर रोज ही कुछ न कुछ ,
घर को पूरा गोदाम किया है ।
डालते तो कभी देखा नहीं ,
अलमारी का बुरा हाल किया है ।
कपड़े ही नहीं सैंडल भी घर आते हैं।
घर को दुकान किया है।
कौन बतलाए इनको सैंडल पहन के,
कहाँ घर में चल पाते हैं ।
लिपस्टिक लाइनर काजल !
लाकर दराज भर डाले हैं।
न जाने इस को लगा लगा कर
किसको यह दिखलाते हैं।
यह घर बैठे हैं फिर भी इतने कपड़े ,
ऑनलाइन मंगवाते हैं ।
संभाल संभाल कर सब सामान,
अपना बुरा हाल किया है।
आजकल घर बैठे शॉपिंग का ,
नया तरीका आम किया है।
इसने घर को ही दुकान बनाया है।
वहाँ पड़ी रहती भी तो अच्छी थीं।
क्यों आजकल के बच्चों ने बिना जरूरत,
घर पर इकट्ठा यूँ सामान किया है।
4.03pm 13 May 2021
2 comments:
आपके विचारों में विविधता है और तर्कसंगत भी है।आप टॉपिक का चयन करने में भी ज्यादा मेहनत करें। आप किसी भी टॉपिक पर लिख सकती है यह आपका विलक्षण प्रतिभा है ।लेकिन टॉपिक दमदार और लोगो की रुचि का हो तो आपको बहुत नाम -सम्मान मिलेगा।
जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
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