कुछ कहते ही तेरा, यूँ उठ कर चले जाना ।
बहुत तड़पाता है ,मुझे यूं तेरा उठकर जाना।
ऐसा क्या कह दिया हमने, जो तू यूँ सुन नहीं पाया,
तड़पा जाता है तेरा इस तरह बेरुखी दिखलाना।
हाय..जब तू बोलता है तो, जुबान तेरी रुकती नहीं,
मेरा कुछ कहते ही ,कान तेरा बंद हो जाना ।
क्यों दोगला है ये तेरा बर्ताव, क्यों तू समझ पाता नहीं ।
हाथ तेरे आएगा वही ,जो है यहाँ तूने देकर जाना ।।
ठहर जा कुछ पल और सोच ले कुछ तो, क्या दिया तूने,
जो दिया है आज तूने ,वही कल तुझे यहाँ से लेकर है जाना।
5.30pm 25 May 2021
3 comments:
Bahut khoob Sangeeta Sharma ji
Bahut khoob Sangeeta Sharma ji
Thanks ju
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