बढ़ते चलो बहादुर वीरो ,लेकर हाथों में तलवार।
रक्षा करने खातिर ही तो,लिया हाथ तुमने हथियार ।
पग पग आगे बढ़ते जाना, देना दुश्मन को ललकार।
एक नजर में दुश्मन भागे,देना ऐसी तुम हुंकार ।
दुश्मन झुक जाए फिर आगे, करना ऐसी तुम ललकार।
धस जाए धरती में दुश्मन ,करना उस पर ऐसा वार।
बढ़ते चलो बहादुर वीरो, तुमको धरती रही पुकार ।
साहस रखना भीतर वीरो,न मानना अपने तुम हार।
2.10 pm 23 May 2021
5 comments:
बहुत खूब!
बहुत उत्तम।
बहुत उत्तम।
धन्यवाद
धन्यवाद
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