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Sunday, 23 May 2021

1655 तलवार (Veer Chand, वीर छंद ,आल्हा छंद)


बढ़ते चलो बहादुर वीरो ,लेकर हाथों में तलवार।

रक्षा करने खातिर ही  तो,लिया हाथ तुमने हथियार ।


पग पग आगे बढ़ते जाना, देना दुश्मन को ललकार।

एक नजर में दुश्मन भागे,देना ऐसी तुम हुंकार ।


दुश्मन झुक जाए फिर आगे, करना ऐसी तुम ललकार।

धस जाए धरती में दुश्मन ,करना उस पर ऐसा वार।


बढ़ते चलो बहादुर वीरो,  तुमको धरती रही पुकार ।

साहस रखना भीतर  वीरो,न मानना अपने तुम  हार।


2.10 pm 23 May 2021

5 comments:

Rashmi sanjay said...

बहुत खूब!

Unknown said...

बहुत उत्तम।

Unknown said...

बहुत उत्तम।

Dr. Sangeeta Sharma Kundra "Geet" said...

धन्यवाद

Dr. Sangeeta Sharma Kundra "Geet" said...

धन्यवाद