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Wednesday, 19 May 2021

1651 जैसे कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान

कर्म है कुछ ऐसा, जिसका लेखा जोखा रहता ।

पर मानव इस लेखे जोखे को खराब करता रहता।


जो किया कर्म हे मानव तूने ,वही तो सामने आता।

जब सामने आता नतीजा, तो क्यों मन न सहता।


सोचता है  कर्म फल अच्छा मिले मुझको पर, 

कर्म करते वक्त कुछ भी ध्यान न तुझको रहता।


फिर क्यों मानव कुछ समझता नहीं कर्म को, 

और जो दिल में आए वही करता रहता ।


कर्म का फल यहीं मिलेगा, यह भूल जाता ।

कर्म बुरे कर अच्छे फल की आस करता रहता ।


नियम को तू जान, जैसे कर्म करे वैसा फल दे भगवान ।

फिर क्यों अपना जन्म निरर्थक करता रहता।


कोई कुछ भी सोचे खुद के बारे में ,कर्म का नियम है,

जो बोना है वही काटना, यह नियम तो चलता रहता।

4.32pm 19 May 2021