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Wednesday, 26 May 2021

1658 किसने तुझे हँसने से रोका है

 जी ले आज जी भर के तू ,

कल किसने यहाँ पर देखा है ।

हँसी के छोड़ फव्वारे ,

किसने तुझे हँसने से रोका है ।

झूम ले, गा ले तू ,मौज मना,

 दुनिया तो यहां धोखा है।

भीतर झाँक अपने खुश होकर ,

मिलता वही जो किस्मत में होता है ।

अपनी किस्मत बनाने वाला तू खुद है,

 किसी के कहने से क्या होता है।

4.10pm 26 May 2021