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Friday, 7 May 2021

1639 आँखों ने हँसना सीख लिया है

जबसे होठों की हँसी छुप गई है ।

आँखों ने हँसना सीख लिया है ।


कुछ भी थमता नहीं इस जग में ।

हर हाल में हमने जीना सीख लिया है ।


गम न कर समय समय की बात है ।

आज सबने घूँट सब्र का पीना सीख लिया है।


अच्छे दिन भी आएंगे इस आस में ,

बुरे दिनों को हँसकर जीना सीख लिया है ।


चेहरे से पहचानते थे हम सबको पहले ।

आँखों से पहचानना सीख लिया है ।


पहले पास रहकर भी थी दूरियाँ सब में ।

अब दूर रहकर भी पास होना सीख लिया है।


अब सब खड़े हैं एक दूसरे की मदद को ।

सबने अब सुख दुख बाँटना सीख लिया है ।


पहले कौन अपना कौन पराया करते थे ।

अब सबको अपना मानना सीख लिया है।

12.17pm  07 May 2021