जबसे होठों की हँसी छुप गई है ।
आँखों ने हँसना सीख लिया है ।
कुछ भी थमता नहीं इस जग में ।
हर हाल में हमने जीना सीख लिया है ।
गम न कर समय समय की बात है ।
आज सबने घूँट सब्र का पीना सीख लिया है।
अच्छे दिन भी आएंगे इस आस में ,
बुरे दिनों को हँसकर जीना सीख लिया है ।
चेहरे से पहचानते थे हम सबको पहले ।
आँखों से पहचानना सीख लिया है ।
पहले पास रहकर भी थी दूरियाँ सब में ।
अब दूर रहकर भी पास होना सीख लिया है।
अब सब खड़े हैं एक दूसरे की मदद को ।
सबने अब सुख दुख बाँटना सीख लिया है ।
पहले कौन अपना कौन पराया करते थे ।
अब सबको अपना मानना सीख लिया है।
12.17pm 07 May 2021
2 comments:
Waah..Bahut khoob
Thanks ji
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