2122 1212 22
Qafia :Aaya काफिया आया
Radeef : Hai रदीफ़: है
आज किसने दिया जलाया है ।
जिसकी लौ से ये जगमगाया है ।
की न थी ,कल्पना कभी मैंने ।
तूने वो दिन मुझे दिखाया है ।
बच निकलना हुआ है नामुमकिन ।
कैसा ये जाल अब बिछाया है ।
रह रहे थे जहां बड़े बन कर ।
देना उस घर का अब किराया है ।
घुट गया था मेरा तो पीने से ।
प्यार का घूँट जो पिलाया है ।
करके एहसान तूने मुझपर तो।
एक इक करके हाँ जताया है।
आँख का तारा ,हम तो थे तेरे।
तूने क्यों आँख से गिराया है।
गंदगी घोल दी है धरती पर ।
तूने इसको कहाँ सजाया है।
बस बिगाड़ा है तूने धरती को ।
तूने बिगड़ी को कब बनाया है ।
12.22pm 30 April 2021
7 comments:
वाह वाह
वाह वाह
रोशन चिराग यूं ही जलाते रहे ग़ज़ल गुनगुनाते रहे अपने गज़लों से दुनिया के जज्बे जागते रहे शानदार।
मिलजुलकर रहो प्रेम से
इसलिए दीप जलाया है।
शुभकामनाएं।
धन्यवाद
धन्यवाद जी
धन्यवाद
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