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Qafia amm, काफि़या अम
Radeef Milte, रदीफ़ :मिलते
यूँ अगर राह में न हम मिलते ।
तो कहाँ प्यार के यह गम मिलते ।
करते जो ऐतबार मुझ पर तुम ।
तब हमारे सनम कदम मिलते ।
बात अपने नसीब की है जो ।
किसको कैसे सनम, सनम मिलते।
प्यार किस्मत कभी बनाता है ।
हैं किसी को गमो अलम (दुख दर्द) मिलते।
प्यार के रास्ते नहीं सीधे।
हैं यहाँ तो जी, पेचोखम (मुश्किलें) मिलते।
है खुशी चाहे प्यार में मिलती ।
पर ये आँसू ,कहाँ ये कम मिलते।
आशिकों को तो आशिकी में ही
बस ,सदा दै़र (मंदिर) और हरम(काबा) मिलते।
खुश जो बाहर से हैं नजर आते ।
आँख अंदर से हैं वो नम मिलते।
10.08am 28 April 2021
7 comments:
Gajab ki gajal
बहुत सुन्दर और सलीके से शब्दो को सजाया है।
बहुत सुन्दर और सलीके से शब्दो को सजाया है।
Very nice 👏👏😊
धन्यवाद
धन्यवाद
Thanks ji
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