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Wednesday, 21 April 2021

1623 खुश हो ले उसी में तू, रब ने तुझको दिया जैसे।

 तेरे मन का ,मैं क्या जानू,

मेरे मन का, तू जाने कैसे,

अपने मन का ,कर तू,

कहीं भी रहे,तू जैसे तैसे।


क्यों अपना मन खराब कर रहा,

दूसरों के कहने से।

जी ले तू जैसा तेरा मन चाहे ,

कर ले तू चाहे जैसे।


न पराई देख तू जी दुखा,

न अपनी से तू जी चुरा ।

खुश हो ले उसी में तू,

रब ने तुझको दिया जैसे।

5.06pm 21 April 2021

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