2122 1212 22
Qafia : at ,काफि़या: अत
Radeef : Hai, रदीफ़ : Hai
हो गई जबसे ये मुहब्बत है।
है बड़ी तब से ही ये चाहत है।
हमको तो भा गई मुहब्बत ,पर।
कहते थे सब ,ये तो जी आफत है।
बीतते पल नहीं है फुर्सत के।
हो गई अब तो ऐसी हालत है।
लग तो तुमको भी रोग ये जाता।
जो नहीं है लगा गनीमत है।
कि बचा के तुम्हें रखा जो है।
ये हमारी ही तो शराफत है।
12.52pm 26 April 2021
No comments:
Post a Comment