2122 1212 22
Qafia Aao,काफि़या आओ
Radeef ge,रदीफ़ गे
अपना कब तुम मुझे बनाओगे।
जान कब तक मुझे सताओगे ।
आ के नज़दीक दूर जाते हो ।
कब मेरे दिल को घर बनाओगे ।
दूरियाँ सब मिटा के तुम बोलो ।
कब मुझे तुम गले लगाओगे ।
छोड़कर जाते ज्यूँ रहे अब तक ।
ऐसे तो छोड़कर न जाओगे ।
प्यार हो जो गया तुम्हें हम सा ।
जान आँसू न तुम बहाओगे।
प्यार हमसे किया, करो वादा ।
के हमें तुम न आज़माओगे।
12.32pm 27 April 2021
7 comments:
जब देखा रूहानी ग़ज़ल के आईने में जमाने का जज्बा जज्बात कभी आंसुओ ने गमे हाल सुनाया कभी मुस्कान ने हाले दिल सुनाया मल्लिकाये ग़ज़ल की क्या बात वाह वाह वाह।
सुन्दर।अति उत्तम।
Wah wah...bahut khoob
Wah wah.....bahut khoob
Thanks ji
धन्यवाद
धन्यवाद जी
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