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Wednesday 28 April 2021

1630 Ghazal गज़ल :कब मुझे तुम गले लगाओगे ।

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Qafia Aao,काफि़या  आओ

Radeef ge,रदीफ़ गे

अपना कब तुम मुझे बनाओगे।

जान कब तक मुझे सताओगे ।


आ के नज़दीक दूर जाते हो ।

कब मेरे दिल को घर बनाओगे ।


दूरियाँ सब मिटा के तुम बोलो ।

कब मुझे तुम गले लगाओगे ।


छोड़कर जाते ज्यूँ रहे अब तक ।

ऐसे तो छोड़कर न जाओगे ।


प्यार हो जो गया तुम्हें हम सा ।

जान आँसू न तुम बहाओगे।


प्यार हमसे किया, करो वादा ।

के हमें तुम न आज़माओगे।

12.32pm 27 April 2021

7 comments:

Unknown said...

जब देखा रूहानी ग़ज़ल के आईने में जमाने का जज्बा जज्बात कभी आंसुओ ने गमे हाल सुनाया कभी मुस्कान ने हाले दिल सुनाया मल्लिकाये ग़ज़ल की क्या बात वाह वाह वाह।

Unknown said...

सुन्दर।अति उत्तम।

Ashok Chhabra said...

Wah wah...bahut khoob

Ashok Chhabra said...

Wah wah.....bahut khoob

Sangeeta Sharma Kundra said...

Thanks ji

Sangeeta Sharma Kundra said...

धन्यवाद

Sangeeta Sharma Kundra said...

धन्यवाद जी