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Thursday, 15 April 2021

1617 क्यों अपना मन परेशान करें

कोई देता सम्मान जिस बात का,

उसी बात पर कोई कर देता अपमान कोई।

कैसे जाने कोई किसी की नियत ,

कैसे करे इसकी पहचान कोई।


हर किसी की अपनी सोच ,

हर किसी का अपना पैमाना ।

कौन किस बात पर खुश हो ,

किस बात पर नाराज, यह किसने जाना ।


क्यों सोचें फिर इसके बारे में।

क्यों अपना मन भी परेशान करें ।

क्यों न हम खुश रहकर खुद में ,

खुद पर ही एहसान करें ।


किसी को खुश करना है ,

तुम छोड़ दो इस बात को ।

क्या चीज तुम्हें देती है खुशी ।

सोचो बस इस बात को ।


पल पल यूँ ही कट जाएगा ।

गया समय फिर न आएगा ।

क्यों हम इसको उदासी में गुजा़रें ।

यह गया समां फिर न आएगा।

3.33pm 14 April 2021