कोई देता सम्मान जिस बात का,
उसी बात पर कोई कर देता अपमान कोई।
कैसे जाने कोई किसी की नियत ,
कैसे करे इसकी पहचान कोई।
हर किसी की अपनी सोच ,
हर किसी का अपना पैमाना ।
कौन किस बात पर खुश हो ,
किस बात पर नाराज, यह किसने जाना ।
क्यों सोचें फिर इसके बारे में।
क्यों अपना मन भी परेशान करें ।
क्यों न हम खुश रहकर खुद में ,
खुद पर ही एहसान करें ।
किसी को खुश करना है ,
तुम छोड़ दो इस बात को ।
क्या चीज तुम्हें देती है खुशी ।
सोचो बस इस बात को ।
पल पल यूँ ही कट जाएगा ।
गया समय फिर न आएगा ।
क्यों हम इसको उदासी में गुजा़रें ।
यह गया समां फिर न आएगा।
3.33pm 14 April 2021
6 comments:
वाह वाह वाह
Wonderful
Wonderful
धन्यवाद
Thanks ji
Thanks ji
Post a Comment