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Qafia : Aa काफि़या ंंआ
Radeef Hai kya,रदीफ़ है क्या
दर्द उसका कभी ,सुना है क्या ।
सुन सहारा कभी ,दिया है क्या ।
क्यों वो रूठी है रहती हरदम यूँ।
राज़ इसका कभी ,खुला है क्या ।
खुद में सिमटी हुई सी दुनिया में ।
वो किसी का कभी, हुआ है क्या ।
देख तू अपना ही यहाँ तो बस ।
कर किसी का, सिला मिला है क्या ।
बात दी है बना किसी ने ये ।
कर भला हो भला ,हुआ है क्या।
दांव देखो लगा रहा है ये।
जिंदगी ये बता, जुआ है क्या।
खेलता एक दूसरे से ये।
आदमी इसलिए बना है क्या।
11.21am 28 April 2021
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