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कोई आवाज़ दे जो ।
करूं कुछ तब,अलग हो।
के लाऊं चांद तारे ।
कि छू कर मैं गगन को ।
कि बहके घूमते हैं ।
तू ले संभाल मन को ।
कि महके फूल लाएं ।
जो महका दें चमन को ।
न हस्ती है किसी की ।
बड़ा फिरता बना जो ।
न पल भर का ठिकाना ।
कि होगा कल कहां वो।
वही है जानता यह ।
हो कल जाने कहां वो।
उसी की वो जलाता ।
रहा बरसो जहां वो।
1.24pm 15 April 2021
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