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Monday 10 April 2017

K1 013 मोहब्बत हो गई है.(Mohbbat Ho Gai hai)

हम नूरे मोहब्बत में फँस चुके हैं ।
क्या करें
हम तुमसे प्यार करें या,
यूं ही  तुम्हारे गम में जले।
जाने वफा़, अकेले में दम घुटता है।
पास आती हो तुम तो चैन मिलता है।
जी चाहता है कि तुम यूं ही बैठी रहो,
और हमसे प्यार की बातें करो।
सित्मगर वक्त धीमे चलता नहीं।
यही एक परेशानी है,
अकेले में दिल लगता नहीं।
जी चाहता है मेरा तुम
 मेरी नजरों के आगे बैठी रहो।
मैं तुम्हें देखता रहूं, तुम मुझे देखती रहो।
आंखों में उतारूं भावों भरे दिल को।
और तुम्हें अपने सीने से लगाऊँ।
यह ना सोचूँ तो बताओ,
इस दिल को कैसे बहलाऊं।

अच्छा तो अब तुम जा रहे हो ।
अब न जाने कब हो मिलना ।
दुनिया में अगर तुम्हारा साथ न मिला,
 तो शायद इन रहों में चलते चलते ,
थक कर मैं भी दम तोड़ न जाऊं।
याद रखना ये बात मेरी ,अब मालूम नहीं 
तुम्हें कभी फिर मिल पाएं या न मिल पाएं।
013 1986़
Hum noor e Mohabbat Mein fus chuke hain.
Ab Kya Karain,
Hum Tumse Pyar Karain,
Yah Tumhare Gum Mein Jalain.
Jaane Wafa Akele mein Dum ghutta Hai.
Lekin Tum Paas aati ho toh chain Milta Hai.
Jee Chahta Hai Tum yun H e baithi rho.
Or Humse Pyar Ki Baatein karo.
Sitamger wakht  dhemain chalta nahi.
Or akele Mein Dil Lagta Nahi.
Jee Chahta Hai,
 Tum Meri Nazron ke aage Baithi Raho.
 mai tumhe Dekhta Rahoon,
Tum mujhe Dekhti Raho.
 seene main utharu Bhawon bhre Dil Ko.
Or tuje Seene Se lagaun.
 Ye na suchun To Batao,
Is dil ko kaise behlaoun.

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