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Wednesday, 19 April 2017

K2 0033 इंतजार (Intjaar)


इंतजार तुम्हारा बरसों किया,
पाई नन कोई तुम्हारी खबर।
हम थे सब्र की सीमा,
पर हो गए हम भी बे सबर।
तुम क्या जानो इंतजार की घड़ियां,
कितनी लंबी होती है।
ऊपर से यह जुदाई और तन्हाई,
न सांस चैन का लेने देती है।
काश, पहले ही होती खबर,
तो मिलाते न तुमसे नज़र।
वादा तुमने किया था, वो तोड़ दिया।
दिल में मेरे जो मंदिर था प्यार का उसे तोड़ दिया।
मेरा आंसुओं से नाता जोड़ दिया।
हमसफ़र बन के साथ छोड़ दिया।
अब करें किस से शिकवा
करें किससे शिकायत।
हम तो सदा करते रहे
अपनी मोहब्बत की हिमायत
अब तो भाग्य से समझौता कर रहे थे।
मगर, ये आहट
मुड़ के देखा तो कानों से गुजर गया,
फिर वही सुना हुआ कोई सूर।
अब तो तन्हाइयों को साथी बना रहे थे हम।
कि सुनाई दी फिर वही झंकार।
तुम्हारी यादों के सहारे जीना सीख रहे थे हम।
कि वही पायल फिर कानो में बजने लगी।
मैं क्या करूं ,अब रहा जाता नहीं।
मिलन की प्यास बढ़ती जा रही है।
आओ मेरी जिंदगी में बहार लाओ।
मेरे उजड़े हुए गुलशन को सजाओ।
इसे अपनी खुशबू से महकाओ।
33 07  dec 1988
Intezar
Intezar Tumhara Barso Kiya
 Paai na koi Tumhari khabar.
Hum the Sabar ki Sima par Ho gae beSawar
Tum Kya Jano Intezar ku gharian Kitni lmbi hoti hai.
Upar Se yai Judai aur Tanhai.
Kaash ,pehale yehoti khabar ,
Lgaate na Tumse Dil apna.
Vada jo Tumne kiya tha wo Tod Diya.
Dil main Mere jo mandir tha pyar ka tod Diya.
Mera ansooon se NATA jod Diya.
Humsafar Ban Ke Sath Chod Diya.
Ab karain Kis Se Shikwa,
Kis Se Karein Shikayat.
 Hum to sda krte Rahe apni Mohabbat Ki Himayat.
Ab toh Bhagya se Samjhota  kar rahe the Hum.
 Magar ,Ye Aahat.
Mud ke Dekha Toh kaano Se Guzar Gaya,
Phir Wohi suna hua Koi Sur.
Ab toh tanhaiyon ko Sathi bana rahe the hum.
Ki Sunai De phir Wohi Jhankar.
Tumhari Yaadon Ke Sahare Jeena seekh Rahe the Hum.
Ki Wohi Payal phir Kano Mein bajne Lagi.
Main Kya Karoon ,
ab Raha Jata nahi.
Milan Ki Pyas badhti ja rahi hai.
Aao, Meri Zindagi Mein Bahar laao.
Mere ujde hue Gulshan ko sajao.
Ise apni Khushbu se Mehakaao.

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