हो जाए जो किसी से प्यार,
हम कर नहीं पाते हैं इज़हार।
शायद उनको भी गुमां हो जाता है ,
इश्क का हमारे।
मगर, शायद उठते नहीं जज्बात।
रस्मे उल्फत के बारे में सोचते हैं,
तो वहीं रुक जाती है हर बात।
जमाने के नियम पर चलें तो,
कभी ना पाएंगे हम अपना प्यार।
यूंही कट जाएगी जिंदगी तन्हा,
तड़प ही रह जाएगी,
कि शायद कभी हो ही जाए बरसात।
305 23AUG 1991
Ho jae jo Kisi Se Pyar,
Hum kar Nahi Pate Izhar.
Shayad unko bhi Ghuman Ho Jata Hai,
Ishq Ka Hamare.
Magar ,Shayad utdte nahi juzbat.
Rashme Ulfat ke baare me sochte hain
Tu wahi ruk Jaati Hai Har Baat.
Zamane Ke Niyam par Chale Toh,
Kabhi Na Pa skenge Hum Apna Pyar.
Yunhe Cut Jayegi Zindagi Tanha,
Tadap Hi ReH Jayegi,
ki Shayad kabhi hohi jai Barsaat
हम कर नहीं पाते हैं इज़हार।
शायद उनको भी गुमां हो जाता है ,
इश्क का हमारे।
मगर, शायद उठते नहीं जज्बात।
रस्मे उल्फत के बारे में सोचते हैं,
तो वहीं रुक जाती है हर बात।
जमाने के नियम पर चलें तो,
कभी ना पाएंगे हम अपना प्यार।
यूंही कट जाएगी जिंदगी तन्हा,
तड़प ही रह जाएगी,
कि शायद कभी हो ही जाए बरसात।
305 23AUG 1991
Ho jae jo Kisi Se Pyar,
Hum kar Nahi Pate Izhar.
Shayad unko bhi Ghuman Ho Jata Hai,
Ishq Ka Hamare.
Magar ,Shayad utdte nahi juzbat.
Rashme Ulfat ke baare me sochte hain
Tu wahi ruk Jaati Hai Har Baat.
Zamane Ke Niyam par Chale Toh,
Kabhi Na Pa skenge Hum Apna Pyar.
Yunhe Cut Jayegi Zindagi Tanha,
Tadap Hi ReH Jayegi,
ki Shayad kabhi hohi jai Barsaat
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