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Saturday, 20 May 2017

K3 00126 अपने बंदों को लेता है वो संभाल

गम मुझे ही क्यों मिलते हैं ।
हर कोई मुझे ही क्यूँ सताता है।
क्या कहूँ ऐ दिल मैं तुझे,
हर कोई तुझे ही सजा़ दे के जाता है।


कसूर जबकि होता नहीं हमारा,
फिर भी सजा हमें ही मिलती है।
किसी से कोई लेना देना नहीं ,
फिर भी कहते सभी, हमारी ही गलती है।

वो भी जान जाएंगे एक दिन,
क्या होता है अत्याचार।
बिन  किए कुछ सजा जो मिलती है,
क्या होता है उनका  हाल।

ऊपर वाला देखता है सबके कर्मों को ।
वह जानता है खूब अपने बंदों को ।
उसकी लाठी पड़े तो आवाज नहीं होती ।
अपने बंदों को लेता है वो संभाल।

9.30pm 12 Dec 1989

Gum Hi Kyun milte hain mujhe
Har Koi Mujhe Hi Kyun Dukh deta hai.
Kya Kahoon e Dil Mein Tujhe
Har Koi Tujhe he Sada Saja deta hai.

Kasoor to kabhi bhi nahi hota Hamara,
Fir bhi saja Hamein hi milti hai.
Kisi Se Koi Lena Dena nahi Hamara,
Phir bhi sab kehte hain Hamari hi Galti Hai.

Hum Bhi Dikha Denge in ko,
Kya hota hai Bhrashtachar.
Bin kuch KiYe Saja milti hai jinko,
Kya hota hai Unka haal

Upar wala dekhta Hai sabki karmon ko 
jaanta hai khoob apni bandon ko 
uski Lathi pade to awaaz nahin Hoti 
Apne bandon Ko leta hai vo sambhal.

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