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Tuesday, 2 May 2017

K2 0078 जान गए (Jaan Gae)

जवाब कैसे मिलता,जो उन्होंने सवाल ही न जाना।
हमारी किसी हरकत को उन्होंने न पहचाना।
हम बात करते रहे,उन्होंने हमारे प्यार को न जाना।
अब तो हम उनसे दूर हो गए हैं।
शायद, हम ने ही उन्हें न जाना।
क्यों हमने हौंसले किए,
क्यूँ चाहा हमने उनसे मिलना मिलाना।
अब तो उनकी सोच भी नहीं आती।
किसी तरह बीत जाएगा दिन सुहाना।
हम बह रहे थे जज्बात में,
शायद इसीलिए कि ,अभी देखा नहीं ज़माना।
अब समझ में आया है।
कि मोहब्बत का नहीं कोई ठिकाना।
इसका अंत वही है।
पड़ता है इसमें परवाने को जल जाना।

78  26 Aug 1989

Jawab Kaise Milta,Jub unhone Sawal Hi Na Jana.
Hamari Kisi harkat ko unhone Na pehchana.
Hum Baat Karti Rahe,
Unhone Hamara Pyar Na jana.
Ab to Hum unse Dur ho gaye hain.
Shayad humne hi unhe Na Jana.
Kyun humne honsle kiye , Kyun Chaha Humne Wahan Jana .
Ab to mun may Unki Soch bhi nahi aati.
Iisi tarhe beet Jayega Din Suhana.
Hamare Jazbaat Bhavna Bhare the.
Shayad Isi liye ,ki, abhi Dekha nahi Zamana.
Ab Samajh Mein Aaya hey,
Ki mohabbat ka Nahi Koi Thikana.
IsKa ant wahi hai.
 padta hai isme Parwanoon ko kala jana

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