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Monday, 26 February 2018

479 उमंग तरंग (Umang Tarang)

तरंगों उमंगों ऐशो-आराम के,
झूले में तू झूल रहा है।
यहां आया है तू किस लिए,
यहां आने का मकसद क्या है तेरा,
तू इस को भूल रहा है।
तरंगों उमंगों ऐशो-आराम के,
झूले में ना तू झूल।
यहां आने का क्या मकसद है तेरा,
तू कर उसको पूरा।
अगर नहीं मालूम कहां है मंजिल,
तो उसकी कर खोज और ढूंढ।
   .                                 1986
मकसद को जो अपने तू पायेगा,
और पूरा करने में जुट जाएगा।
जब होगा तेरा मकसद पूरा,
तभी मिलेगा तुझे सुकून।

तरंगों उमगों ऐशो-आराम के,
झूले में में मत झूल।
इनमें खो के, अपने,
असली मकसद को मत भूल।
479 23 Feb 2018


Tarangon Umangon  Ash o Aaram Ke,
Jhoole Mein Tu joule raha hai,
Yahan Aaya Hai Tu Kis Liye,
Yahan aane ka maqsad kya hai tera,
Tu usko Bhul raha hai.

Tarangon Umangon Ash o Aaram k,
Jhoole Mein Na Tu Jhul,
Yahan aane ka kya maqsad hai tera,
Tu kar usko Pura.
Agar Nahi Maloom kahan hai manzil,
Tu Uski kar Khoj aur dhund.

Maqsad ko jo Apne Tu payega.
Aur pura karne Main Jut Jayega.
Jab Hoga Tera maqsad Pura,
Tabhi Milega Tujhe sakoon.

Tarangon Umangon Ash o aram ke,
Jhoole Mein mat Jhul.
 in Mein Khoke Apne ,
Asli maqsad Ko Mat Bhul.

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