English version 2927
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कोई आस न जब जगे।
और कोई रह न दिखे।
देखना न फिर इधर-उधर,
कर काम लगा पूरी लगन ।
रास्ते खुद मिल जाएंगे ,
सपने पूरे हो जाएंगे ।
रास्तों से घबराना नहीं,
पत्थर सब रेत हो जाएंगे।
सब कुछ हो सकता है,
चाहे कठिन वो दिखता है।
बस एक हौसले की उड़ान चाहिए,
दिल में पाने का तूफ़ान चाहिए ।
उठ खड़ा हो छू ले मंजिलें।
सब रास्ते तेरे लिए हैं खुले।
10.06am 11 nov 2024
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