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Tuesday, 15 April 2025

3081 तुम हो गए हो 80 के तो, हम भी हो गए हैं 50 के (50 की उम्र से ऊपर वालों को समर्पित जो अपने मां-बाप की सेवा में लिप्त है)


तुम हो गए हो 80 के तो,

हम भी हो गए हैं 50 के।


क्यों चाहते हो अभी भी वैसा,

कि हम भागें 20 के जैसा।  

लगता है तुमको, तो कह कर देखो,

पोते पोतियों, दोहते-दोहतिंयों को,

मजाल है कोई बात तुम्हारी सुन ले।

तुम हो गए हो 80 के,

तो हम भी हो गए हैं 50 के।


तुम किस्मत वाले हो,

अपने मन की कर पाते हो। 

अपने मन की करवाते हो।

तुम कहते हो फिर भी हम तो, 

बात टाल नहीं पाते हैं। 

जाने हमारा होगा क्या,

 80 के हो जाने पे।

तुम हो गए हो 80 के,

तो हम भी हो गए हैं 50 के।


तुम्हारा अभी भी रोआब है,

तुम्हारे अपने बच्चों पर। 

वह बच्चे चाहे बन गए हैं 

अपने बच्चों के भी बाप अब।

पर आज भी तुम्हारी सुनते हैं। 

क्या उनके भी उनकी सुनेंगे कल। 

क्या होगा उनका बुढ़ापा आने पे।

तुम हो गए हो 80 के,

तो हम भी हो गए हैं 50 के।


हम ऐसा करते थे,

हम वैसा करते थे,

जब हम तुम्हारी उम्र के थे। 

इस उम्र की परिभाषा को,

अब तक जान ना पाया हूं। 

करते थे जब 20 के थे, 

या करते थे जब 50 के थे। 

क्या दिमाग लगाकर सोचोगे। 

तुम हो गए हो 80 के,

तो हम भी हो गए हैं 50 के।


अब तुमको याद दिलाऊँ तो। 

50 में हमको बुलाते थे।

आधे काम हम करते थे, 

जो तुमसे नहीं हो पाते थे। 

पर आज वह सब हमको,

खुद ही करने पड़ते हैं।

हमारे बच्चों को भी कुछ 

तुम बोल कर दिखाओ तो।

उनको कुछ समझाओ तो। 

क्या हमारे लिए भी बोलोगे।

तुम हो गए हो 80 के,

तो हम भी हो गए हैं 50 के।


याद नहीं होगा तुमको, 

सूई में धागा डाला करते थे।

कुछ उतारना हो ऊपर से,

तो झट चढ़ जाया करते थे। 

अब हमारे पास रहता कौन। 

क्या उनको हमारे लिए बुलाओगे। 

तुम हो गए हो 80 के,

तो हम भी हो गए हैं 50 के।


जब उनकी हम बात करें। 

तुम ही कहते बिजी है वो।

बच्चे हैं बच्चों को, 

अपनी जिंदगी जी लेने दो। 

जिंदगी तो हमारी भी है, 

क्या जो आस तुम्हारी, 

अपने बच्चों से थी, 

क्या वह आज हमारी, 

अपने बच्चों से न हो। 

तुम हो गए हो 80 के,

तो हम भी हो गए हैं 50 के।


बन गए हम रोबोट से, 

जब तुम चाहे बटन दबा दो। 

जब तुम्हें बस वक्त लगे, 

तब ही अपना काम करा लो। 

हम बोले जब बिजी हैं, 

तब तुम कोई बात सुना दो। 

या फिर रूठ कर दिखा दो।

सब कुछ करने पर भी, 

बात-बात पर ताना दो।

तुम हो गए हो 80 के,

तो हम भी हो गए हैं 50 के।


तुम्हारा बुढ़ापा, बुढ़ापा है,

हम तुम्हारे साथ हैं।

आपका रोआब सहने को।

हाजिर हम जनाब हैं।

तुम भी जुगत लगाओ कुछ। 

हमारा बुढ़ापा तुम्हारे जैसा हो। 

तुम हो गए हो 80 के,

तो हम भी हो गए हैं 50 के।

5.59pm 15 April 2025

3 comments:

Anonymous said...

Superb content

Anonymous said...

Very nice ji 👌

Dheerja sharma said...

Sahi