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Tuesday, 20 December 2016

K2 0099 प्यार में सब कुछ सहना पड़ता है ( Pyar Me Sab Kuch sehna padta hai)

क्या कहें मंजूर तो हमको भी नहीं वो बात मगर ,
प्यार में सब कुछ सहना पड़ता है ।
चाहे कहना जो भी चाहते हों उन्हें हम,
मगर कुछ सोचकर चुप रहना पड़ता है ।
वह चाहे जितने भी सितम करें हम पर ,
संग रहने की कसम जो खाई है ,
सब कुछ सहना पड़ता है ।
चाहें दूर जाना भी ,उनसे मगर,
साथ साथ ही रहना पड़ता है ।
कभी ऐसा भी होता है कि सहना जरूरी नहीं ।
मगर कभी सहन करने के लिए भी सहना पड़ता है।
कभी ऐसा भी होता है कि रहना जरूरी नहीं ,
मगर कभी रह रह कर भी रहना पड़ता है ।
वह सितम करते हैं तो कोशिश होती है की गौर न करें ,
मगर सुनकर तो सहना ही पड़ता है ।
वो बेरुखी करें तो भी क्या ,
हमें तो अपनी दोस्ती की हद में रहना ही पड़ता है।
25Sept 1989 99
Kya kehe Manjur TO humko bhi nahi Woh Baat Magar,
  Pyar Me Sab Kuch sehna padta hai,.
Chahei Kehna jo bhi chahte hon unhen hum,
Magar, kuch Soch kar chup rehna padta hai .
wo Chahe jitne bhi Sitam Kare Hum Par,
sang rahane Ki Kasam khayi Hai ,
Sab Kuch sehana padta hai.
 Chahen Dur Jana bhi Unse magar,
Sath Sath he Rehna padhta Hai .
Kabhi Aisa Bhi hota hai ki Sahana Zaruri Hai Magar,
 Kabhi sehen  karne ke liye bhi sehna padta hai.
 Kabhi Aisa Hota Hai Ke rehna Zaroori nahin,
Magar, Kabhi Na Rahe reh Ka r bhi rehna padta Hain .
Vo sitam krte h to koshish hoti hai ki gor na kare ,
Mager sun kar T ou sehna hi padta hai .
woh beRookhi Kare to kya,
Humne To ,apni dosti ki had Mein rehna hi padta hai.

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