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Friday, 16 December 2016

K2 00108 टूटते तारे (Tut-te tare)

सपने टूटे ,
महल टूटे ,
बिखर गया मेरे दिल का जहां ।
ए मौत मुझे बुला ले ,
मुझे गले से लगा ले,
क्यों रहूंँ मैं वहांँ ,
जहांँ उजड़ा मेरा गुलिस्तां।
हर उमंग  टूट गई ,
हर तरंग छूट गई।
क्यों रहूंँ वहांँ करार न हो जहांँ ।
पुकारता हूँ तुझे ,
ले चल अब मुझे ,
क्यों रहूंँ यहांँ जहांँ ,
चुप है जमीं, चुप आसमां ।
तनहाई डस्ती है मुझे ,
तेरी राह तकती है मुझे ,
अब तो चलूँगा वहांँ ,
करार ही करार हो जहांँ।
शायद वही मंजिल है मेरी,
ऐ वक्त हो जा मुझ पर मेहरबां।
ले चल मुझे वहांँ , सकूं हो जहांँ।
8 Oct 1989.  108
Tut-te tar
Sapne Tute
Mahal  tute
bikhar Gaya Mere Dil Ka Jahan .
ai Mout Mujhe Bula lay.
 Mujhe Gale Se Laga ley .
kyon  rahoon main wahan
 Jahan ujra Mera gulSitan.
Har umang Tut Gayi .
Har Tarang chut Gayi .
Kyun Rahoon vohan Kharar Na Ho jahan.
PuKarta Hoon Tujhe ,
Le Chal ab Mujhe .
Kyun rhoon Yahan jahan,
 chup Hai Zameen ,chup Asman.
 Tanhai  Dassti Hai Mujhe,
 Teri raah takti Hai Mujhe.
 Ab To chaloon vahan ,
Karar hi karar ho jahan.
Shayad vai Manzil Teri Hi hai.
E Mout ho ja mujh Par meharbaan.
Le chal mujhe vahan jahan tera hai jahan.

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