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Monday, 26 December 2016

K3 0065 उनकी बेरुखी(unki berukhi)

हमने बुलाया उन्हें आवाज दे दे के,
एक वो हैं उनकी नजर हमारी तरफ न हुई ।
हम उनके ही रहे इल्ज़ाम लेकर भी,
एक वो हैं की उनकी बेरुखी कम न हुई ।
सबने देखा हमारी ओर जब हम ने आवाज दी,
 एक वो हैं की ऐसे बने रहे, जैसे कोई बात ही न हुई ।
अंजाम तो देख लिया हमने मोहब्बत करने का ,
हसरत जो थी मेरे दिल कि वो कभी पूरी न हुई।
7 Aug 1989 65. 26 Dec 2016
Hum Ne Bulaya unahi Awaz De De K .
Ek wo Hain Ki Unki Nazar Hamari Taraf Na Hui.
 Hum unke he Rahe iljaam Leke Bhi.
 Ek Ho hai ki berukhi kam Na Hui .
Sab Ne Dekha Hamari aur ,Jab Hum Ne Awaz De.
 Ek vo Hain ke Aise Bne Rahe Jaise koi baat Na Hui .
Anjaam Tu dekh liya Humne Dil Ka.,
Hasrat jo thi Mere Dil Ki vo kbhi poori na hui.

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