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Saturday, 2 December 2017

386 मैं तो कश्ती हूँ ,जो बीच धारों में चलती है(Mai To Kashti Hoon Jo Beech dharon me Chalti Hai)

मेरे डूबने की ना सोचो,
मैं तो कश्ती हूँँ, जो बीच धारों में चलती है।
खुद को किनारे लगाना चाहो तो राहें बदल लो।
क्योंकि ,हमारी कश्ती तो तूफान में राह ढूंढती है।
शाँत हो जो लहरें तो अखरती है इसे,
यह तो तूफानों से खेलने को मचलती है।

तूफानों को समेटना चाहो तो हमारे साथ चलो।
सोच लेना पहले एक बार,
दुनिया साथ आने के बाद राह बदलती है।
भूल कर चलना हर एक सुहाने सफर को,
यह सोच कर चलना की यही नियति है।
386 14Oct 1992
 Mere Tu Banegi ye na Socho
Mai To Karti Hoon Jo Beech daro me Chalti Hai
Khud Ko Kinare Laga Na Chaho toh Rahi badal lo
Kyunki Hamari Kashti to Toofan Mein rahti hai
Shant Munjal Haridwar Karti Hai ISI
Yea Toh toofano Se khelne, Chalti Hai
Tufano Ko samete Na Chaho toh Hamare Saath Chalo
Par Soch Lena Pehle ek baar
Narnia Sath aane ke baad Raha Badalti hai
Bhool Kar chalna hai suhana safar Koi
Yeh Soch ke Chalna ki nahi aati hai

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