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Wednesday, 27 December 2017

409 कैसे लाऊं मैं उनको मना कर (Kaise Laaun Main unko mana kar)

हो जाए कोई यूं ही खफा अगर,
तो कैसे करें यकीन उसकी वफा पर।
रूठ कर वो वो चले जाएं हमसे,
कहो कैसे लाएं उन्हें हम मना कर।
हुई जो खता हमसे, तो क्यों,
दूर नहीं कर लेते, उसे हमें बता कर।
खिंचे खिंचे रहते हैं हमसे और खुद से,
बैठे हैं गम को सीने से लगा कर।
इतनी गहराइयों में जाते हैं वो,
कैसे लाऊं उनको वहां से बचा कर।
चेहरा सुर्ख हुआ जाता है उनका,
किसी का नहीं होता जितना लाली भी लगा कर।,
रहा नहीं जाता अब दूर उनसे,
कहो कैसे लाऊं मैं उनको मना कर।
हुई जो खता हमसे, तो क्यों,
दूर नहीं कर लेते उसे हमें बता कर।
409 28 Nov 1992
Ho Jae Koi Yuhin Khafa Agar,
Toh kaise kare Yakeen, uski wafa par.
Ruth Kar Jo Wo Chale Jaye Hum Se,
Kaho Kaise laaen unhain Hum mana kar.
Hui Jo Khata Humse ,toh Kyun,
Dur nahi kar lete use Hame Bata Kar.
Khinche khinche Rehte Hain Humse aur Khud Se,
Baithe hai gum Ko Seene Se Laga kar.
Itni Gehraaiyon Mein Jaate Hain woh,
Kaise laun Unko wahan se bacha kar.
Chehra Surkh Hua Jata Hai Unka,
Kisi Ka Nahi Hota Jitna Lali Bhi  Laga kar.
Rha Nahi Jata ab Dur un se,
Kaho Kaise Laaun Main unko mana kar .
Hui Jo Khata Humse ,toh Kyun,
 Dur nahi kar lete, usse Hame Bata Kar.

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