और सुनाइए, हाल ए दिल हमको बताइए।
यूँ क्यों खड़े हैं आप, जरा बैठ जाइए।
दूर दूर रहकर ना हमको यूं सताइए।
जरा पास आने की ज़हमत फरमाइए।
आंखें क्यों नम हैं ,जरा मुस्कुराइए।
चुप ना बैठिए ,हाल-ए-दिल हमको सुनाइए।
क्या सुनाएं हाले दिल तुमको अपना।
हर कदम पर ,चोट पर चोट खाए जाते हैं।
सोचा था खिलेंगे फूल मोहब्बत की राहों में।
यहां तो कांटे ही कांटे पाए जाते हैं।
सोचता हूं क्यों यह राह चुनी मैंने ,जहां।
बावफा की जगह ,बेवफा ही सनम पाए जाते हैं।
काश ,पहले ही संभल जाता तो
यूँ ना कदम- कदम पर ठोकरें खाता।
शायद कोई मिल ही जाता रास्ता ऐसा।
जहां फूल ही फूल पाए जाते हैं।
यह तो इखतदा है इश्क की।
राह चलते यूं ना घबराइए।
कई मोड़ आएंगे ऐसे ही राहों में।
मत घबराइए बस बढ़ते ही जाइए।
437 26 Nov 1993
Aur sunaiye, Haal e dil Humko Bataiye.
Yun Kyun khade hain aap, Zara baith Jaiye.
Dur Dur Rehkar Na Humko Yu Sataiye.
Zara Paas Aane Ki Zehmat farmaiye.
Aankhen Kyun Naam Hai Zara Muskuraye
Chup na baithiye Haal-e-dil Humko sunaiye.
Kya sunayen Haal e dil Tumko apna.
Har Kadam par chot pe chot Khaye Jaate Hain.
Socha Tha khilenge Phool Mohabbat Ki Raahon Mein.
Yahan toh Kante Hi Kaante Paye Jate Hain.
Sochta Hoon Quen Ye rah Chuni Maine.
Jahan Bawafa ki jagah ,Bewafa Hi Sanam pae Jate Hain.
Kaash Pehle Sambhal Jata.
To youn na Kadam Kadam par thokarin Khatta.
Shayad Koi Mil Hi Jata Rasta Aisa.
Jahan Phool hi Phool Paye Jate Hain.
Yeh To Hai I khtDa Hai Ishq Ki.
Rah Chalte Yun Na Ghabraye.
Kai md Aayenge Aise Hi Rahaon Main.
Mat Gahraai ye bas Badte Hi Jaiye.
यूँ क्यों खड़े हैं आप, जरा बैठ जाइए।
दूर दूर रहकर ना हमको यूं सताइए।
जरा पास आने की ज़हमत फरमाइए।
आंखें क्यों नम हैं ,जरा मुस्कुराइए।
चुप ना बैठिए ,हाल-ए-दिल हमको सुनाइए।
क्या सुनाएं हाले दिल तुमको अपना।
हर कदम पर ,चोट पर चोट खाए जाते हैं।
सोचा था खिलेंगे फूल मोहब्बत की राहों में।
यहां तो कांटे ही कांटे पाए जाते हैं।
सोचता हूं क्यों यह राह चुनी मैंने ,जहां।
बावफा की जगह ,बेवफा ही सनम पाए जाते हैं।
काश ,पहले ही संभल जाता तो
यूँ ना कदम- कदम पर ठोकरें खाता।
शायद कोई मिल ही जाता रास्ता ऐसा।
जहां फूल ही फूल पाए जाते हैं।
यह तो इखतदा है इश्क की।
राह चलते यूं ना घबराइए।
कई मोड़ आएंगे ऐसे ही राहों में।
मत घबराइए बस बढ़ते ही जाइए।
437 26 Nov 1993
Aur sunaiye, Haal e dil Humko Bataiye.
Yun Kyun khade hain aap, Zara baith Jaiye.
Dur Dur Rehkar Na Humko Yu Sataiye.
Zara Paas Aane Ki Zehmat farmaiye.
Aankhen Kyun Naam Hai Zara Muskuraye
Chup na baithiye Haal-e-dil Humko sunaiye.
Kya sunayen Haal e dil Tumko apna.
Har Kadam par chot pe chot Khaye Jaate Hain.
Socha Tha khilenge Phool Mohabbat Ki Raahon Mein.
Yahan toh Kante Hi Kaante Paye Jate Hain.
Sochta Hoon Quen Ye rah Chuni Maine.
Jahan Bawafa ki jagah ,Bewafa Hi Sanam pae Jate Hain.
Kaash Pehle Sambhal Jata.
To youn na Kadam Kadam par thokarin Khatta.
Shayad Koi Mil Hi Jata Rasta Aisa.
Jahan Phool hi Phool Paye Jate Hain.
Yeh To Hai I khtDa Hai Ishq Ki.
Rah Chalte Yun Na Ghabraye.
Kai md Aayenge Aise Hi Rahaon Main.
Mat Gahraai ye bas Badte Hi Jaiye.
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