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Tuesday, 30 January 2018

444 तड़पा दिया है इस जीने ने मुझे (Tadapa Diya Hai Is Jeene Ne Mujhe)

तड़पा दिया है इस जीने ने मुझे।
कैसे बताऊं मैं इसका गम तुझे।
बरसात का मौसम है।
ये अशकों ने मेरे बताया मुझे।
तेरे इंतजार ने,
रह-रह कर कितना तड़पाया मुझे।
हर पल हर घड़ी,
तुम ही तुम छाये रहे ,मन पे मेरे।
तेरे इस ना आने ने,
कितना यार मेरे, सताया है मुझे।
खोया ही रहता मैं तो,
पर, बरसात की बूंदों ने जगाया मुझे।
तुम रहे अपने सफ़र में गुम।
इंतजार ए गम,
मेरा ना याद आया तुझे।
खबर जो होती तड़प की मेरी।
तो आ ही जाते तुम।
किसने अपने चाहने वालों को,
इतना तड़पाया,
जितना तुमने तड़पाया है मुझे।
444 4 Mar 1994
Tadapa Diya Hai Is Jeene Ne Mujhe.
Kaise bataun Main Iska Gham Tujhe.
Barsat ka mausam hai,
Ye ashkon Ne Mere bataya Mujhe.
Tere Intezaar nein,
Reh Reh Kar Kitna tadpaya Mujhe.
Har Pal Har Ghadi.
Tumhi Tum Chhae Rhe Man pe Mere.
Tere Is Na aane nein,
Kitne yaar mere, sataya Mujhe.
Khoya Hi Rehta me tuo.
Par Barsaat Ki Bundo Ne Jagaya Mujhe.
Tum Rahe Apne safar mein gum.
Intezar e gham,
Mera na yaad aaya Tujhe.
Khabar Jo Hoti Tadap Ke Meri,
Toh Aa Hi Jate Tum.
Kisne Apne chahne Walo Ko,
Itna tadpaya,
Jitna Tum Ne tadpaya Mujhe.

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