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Saturday, 14 April 2018

526 तुम चाहते हो (Tum Chahte Ho)

तुम्हारी चाहत है मैं वो करूं जो तुम चाहते हो।
 कभी हमारी चाहत के बारे में सोच कर देखा है।

 हर पल तुम्हारी चाहतों से चलते रहे ।
अपनी चाहत को हम मसलते रहे
हमसे जो खुद की ख्वाहिश न पूरी हुई,
तो नाराज हो गए।
कभी हमारी चाहतों को पूरी करने का सोचा है।

 तन्हाइयों में दिन गुजारते हैं।
तुम अपने ही धुन में रहते हो।
 तुम्हारी तरफ देखते हैं चाहतों से।
मगर, खुद ही मैं तुम मग्न रहते हो।
फिर छोड़ देते हैं तुम्हें तुम्हारे हाल पर।
हमारा क्या हाल होता है यह कभी सोचा है।

तन्हाइयों को साथी बनाते हैं।
तुम्हें दूर से देख मन लुभाते हैं।
पास आने की तुम्हें फुर्सत नहीं।
 यूं ही हम अपना मन लगाते हैं।
कैसे गुजार रहे हैं जिंदगी यह कभी तुमने सोचा है।

तुम्हारी चाहत है मैं वो करूं जो तुम चाहते हो।
 कभी हमारी चाहत के बारे में सोच कर देखा है।
14April 2018


Tumhari Chahat Hai Main Woh karun Jo tum chahte ho.
 Kabhi Hamari Chahat ke baare mein Soch kar Dekha Hai.

Har Pal Tumhari chahaton se Chalte Rahe.
 Apni Chahat Ko Hum Maslte Rahe.
Humse Jo Khud Ki Khwahish puri na Hui.
To Naraz ho gaye.
Kabhi Hamari chahaton ko Puri karne ka Socha Hai.

Tanhai Ko Sathi banate hain.
Tumhe Dur Se Dekh  Mann Lubhate Hain.
Paas Aane Ki Tumhe Fursat nahin.
Yuhi Hum Apna Maan Lagate Hain.
Kaise Guzaar Rahe Hain Zindagi, ye kabhi tumne Socha Hai.

Tumhari Chahat Hai Main Woh karun Jo tum chahte ho.
Kabhi Hamari Chahat ke baare mein Soch kar Dekha Hai.

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