Followers

Monday, 30 April 2018

542 मिलने की फरियाद करता हूं( Milne Ki Fariyad Karta Hoon)

आ जाओ पास मेरे, मैं तुमको याद करता हूं।
दिन हो चाहे रात तुमसे मिलने की फरियाद करता हूं।
सफर कट गया था, कितने आराम से ,जब तुम मेरे साथ थी।
वही समां फिर पाने की आस करता हूं।

अकेला मैं यूं ही कहाँ तक चलूँ, ए मेरे हमदम।
साथ तेरा पाने की आस करता हूं।
पा लूं तुझे मैं ,ए मेरे हमदम।
दिन हो या रात, तुमसे मिलने की फरियाद करता हूं।

आसान नहीं है सफर जिंदगी का पूरा करना।
जो तू हो तो, तन्हाइयों से इसे मैं आजा़द करता हूं।
शामिल हो मेरे सफर में अब ,ए मेरे दोस्त।
वही समां फिर पाने की आस करता हूँ।
दिन हो चाहे रात........... फरियाद करता हूं।
542 30April 2018
Aa Jao Paas Mere, Main Tumko Yaad Karta Hoon.
Din Ho Chahe Raat , Tumse Milne Ki Fariyad Karta Hoon.
Safar kat gaya tha kitne aaram se ,Jab Tum Mere Sath thi.
Wahi sama Phir Pane Ki Aas Karta Hoon.
Akele Mein Yuhi kahan tak chalu e' mere Humdum.
Sath Tera Pane Ki Aas Karta Hoon.
Palun Tujhe Mein e' Mere hamdam.
Din Ho Ya Raat Tumse Milne Ki Fariyad Karta Hoon.

Aasan Nahi Hai Safar zindagi ka pura karna.
Jotu Ho to tanhaiyon Se ise Main Azaad Karta Hoon.
Shamil Ho Mere safar mein ab, e' mere dost.
Vahi Sama Phir Pane Ki Aas Karta Hoon.
Din Ho Chahe Raat......... Fariyad Karta Hoon.

No comments: