क्या खूब होती है यह तस्वीरें ।
बन जाती हैं यादों की जागीरें।
भूली बिसरी यादें लाकर सामने।
खोलती यादों की पोटली ये तस्वीरें।
तस्वीरें चाहे बोलती नहीं पर ,
फिर भी ,बहुत कुछ बोल जाती हैं।
दिखा जाती है तुमको कैसे आज
बदल गई हैं तुम्हारी तकदीरें।
एक बार फिर पीछे मोड़ देती हैं।
बीती यादों के पन्ने खोल देती हैं।
मीठी यादें, भूली बिसरी यादें,
फिर सामने ले आती है तस्वीरें।
12.15pm 6 Feb 2021
2 comments:
Very nice
Thanks ji
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