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Sunday, 28 February 2021

1571 कुंडलिया छंद - "बलिदान"

 पल भर वह सोचें नहीं,हँस के दे दे जान ।

ऐसे वीरों का कभी ,व्यर्थ न हो बलिदान।


व्यर्थ न हो बलिदान ,  सभी हम सोचें आओ।

जन गण मन इक साथ, चलो सब मिल के गाओ।


देशभक्ति का बीज  , उगाता है मीठा फल।

जब तक तन में जान ,करें देश भक्ति हर पल।