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Saturday, 13 February 2021

1556 मजा तो खुलकर जीने में है

 कौन कहता है मजा सिर्फ पीने में है ।

मजा तो खुलकर जीने में है।


पीकर तो होश खो बैठता है आदमी,

मजा तो होश में रहकर जीने में है।


मदहोशी में क्या पता, क्या किया, क्या मजा,

मजा़ होश में रहकर खुलकर जीने में है।


पीकर तो बस मदहोशी छाई है।

बेहोशी में क्या जाने,

जिंदगी क्या रंग लाई है।


खोल आँखें होश में आ जा तू,

देख होश में रहकर ,

ऊपर वाले ने क्या दुनिया बनाई है।

01.13pm 13 Feb 2021