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Thursday, 11 February 2021

न 1554 अपने मन का दरवाजा खुला रख

Book Naitik Rattan, नैतिक रत्न 

अनजानो से ज्यादा जान पहचान मत रख ।

सोच समझ के दाँव रख जब रख ।

रास्ते हैं टेडे़ मेड़े तो होने दे।

तू अपनी मंजिल पर बस आंख रख

हौसला नहीं छोड़ना है मुश्किलों के आने पर ।

तू अपने हौसलों को सदा बुलंद रख ।

देखते हैं लोग तमाशा तो देखने दे ।

तू अपनी मंजिल पर बस आँख रख। 

निकल जाएगा जो भी आएगा तूफान।

 बस तू अपने मन का दरवाजा खुला रख।

 आने दे मुश्किलों को जो आती है सामने।

 पार कर जाएगा उनको तू उन पर पांव रख।

2.57pm 08 Feb 2021

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