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Wednesday, 10 February 2021

1553 आईना रख सामने, सच्चाई देख

 आईना रख सामने कि, सच्चाई देख सको ।

गलत राह पर चलने से खुद को रोक सको ।

बहाने बनाने का सिलसिला रखो खुद से दूर ।

ताकि खुद तुम सच की मंजिल खोज सको ।

आसान नहीं होता पाना मंजिल को फिर भी ।

पा लोगे तुम उसको जो हौसला करो ।

जिनके इरादे होते हैं बुलंद आगे बढ़ने के ।

फिर नहीं किसी में हिम्मत कि उनको रोक सको।

2.54pm 08 Feb 2021

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