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Thursday 18 February 2021

1561 समुद्र की लहरें - एक प्रयास

 यह समुद्र की लहरें ,

क्या यह खामोश हैं।

या इनका शोर ही शोर है।

 क्या कहेंगे इनको ,

तनहाई में बहक रही हैं,

यह इधर उधर या इनको ,

किसी की तलाश है ।


बड़े जोश से आती हैं ,

किनारे की तरफ, पर ,

किनारा मिलते ही ,

एकदम शांत हो जाती हैं।

जैसे इनका मन ,

कुछ कहने को मचल रहा हो,

पर प्रीयतम के सामने आते ही ,

स्वर कंठ से बाहर न आ पा रहे हों ।

और फिर नजरें झुका कर ,

वहीं चुपचाप खड़ी हो जाएं।


और ,फिर एक बार ,

वही करने का प्रयास करती हुई,

 एक बार फिर ,

किनारे की तरफ बढ़ आएं।

और प्रयास जारी रहे ,

तब तक ,जब तक, कि ,

उनके मन की बात ,

प्रियतम सुन ना ले।

7.47pm 18 F3b 2021