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Friday, 19 February 2021

1562 सागर की लहरें लेती हिचकोले

सागर की लहरें जैसे लेती हिचकोले।

ऐसे ही जिंदगी इधर-उधर है डोले।

बाहर फेंके लहरें जैसे सीप और मोती ।

ऐसे ही जिंदगी ,कई भेद है खोलें।

जिंदगी के इस हसीन सफर में ,

जिंदगी  कितने रस है घोले।

पंछी गाते गीत मधुर है

और कितनी मधुर बाणी है बोले।

कर ले इसका तू सद्उपयोग, 

ताकि जीवन रस, मिश्री घोले। 

9.03pm 19 Feb 2021