नजारो, बहारो,सितारो ,आ जाओ पास मेरे।
मैं तुम ही में से कोई टूटा हुआ टुकड़ा हूँ।
मुस्कुराने की वजह ढूँढता रहता मैं हर पल।
मैं तुम्हीं सा ही कोई बिखरा हुआ सितारा हूँ।
आओ गले लगा लो मुझको, भर लो आंचल में।
जाने न देना मुझको ,अपनी पनाहों से दूर ।
भर लेना आँचल में, कभी जुदा न हो पाऊं मैं ।
मैं तुम्हारा ही कोई बिखरा हुआ टुकड़ा हूँ।
2.45pm .1 March 2021
3 comments:
Waah
Very nice
Thanks ji
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