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Saturday 6 March 2021

1577 बंदर (बाल कविता)

 बंदर तो है बंदर, 

माना है वो मस्त कलंदर ।

जब देखो डाल पर जा बैठे ,

पाया जाए चिड़ियाघर के अंदर।


बंदर की है बात अनोखी ।

जाने ले जाए किस की टोपी।

हाथ से ले किसका जाए बटुआ।

जा बैठे किस के घ़र के अंदर।


बच्चा नकल करे जो कोई ।

बन जाए वह नकलची बंदर ।

बच्चा हरकत करे जो कोई

कहलाए वो मस्त कलंदर।


कोई बच्चा जब करे शरारत। 

कहते सब हैं उसको बंदर। 

कहना क्या ,अब है भाई, 

सबके भीतर है इक बच्चा,  और इक बंदर। 

6.40pm 6.March 2021