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Saturday, 13 March 2021

U1584 होली गीत : मैं तो खेलूंगी संग सांवरे के,होली आज रे।

https://youtu.be/zO4DAU5K3n0

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मैं तो खेलूंगी खेलूंगी खेलूंगी आज रे।

मैं तो खेलूंगी संग सांवरे के ,होली आज रे।


तू है चाहे कितना नटखट।

कितना हमको सताता,

पर तुझको 

लगाऊंगी गुलाल रे।

मैं तो खेलूंगी खेलूंगी खेलूंगी आज रे।

मैं तो खेलूंगी संग सांवरे के ,होली आज रे।


चाहे तू कितना भी भागे ।

कितना भी तू दौड़े।

रंग तुझको 

लगाऊंगी आज रे ।

मैं तो खेलूंगी खेलूंगी खेलूंगी आज रे।

मैं तो खेलूंगी संग सांवरे के ,होली आज रे।


दूर ना होने दूँगी तुझको ,

दिल से औ रंगरसिया,

मीठे तुझको,

 खिलाऊँ पकवान रे।

मैं तो खेलूंगी खेलूंगी खेलूंगी आज रे।

मैं तो खेलूंगी संग सांवरे के ,होली आज रे।


भर पिचकारी पानी मारे

मुझपर तू साँवरिया 

साथ तनके,  

है भीगा मेरा मन रे।

मैं तो खेलूंगी खेलूंगी खेलूंगी आज रे।

मैं तो खेलूंगी संग सांवरे के ,होली आज रे।


चढ़े जो सजना फिर न उतरे,

घोलूँ ऐसे रंग।

रंग दूंगी,

मैं ऐसा चढ़ा रे।

मैं तो खेलूंगी खेलूंगी खेलूंगी आज रे।

मैं तो खेलूंगी संग सांवरे के ,होली आज रे।

4.58pm 13 March 2021

2 comments:

Unknown said...

सुंदर, सरल सहज किन्तु भावना प्रधान कविता।
यदि इसे कृष्ण भक्ति के रूप में गाय जाय तो यह एक सुंदर भजन बन जायेगा।
धन्य हो।

Dr. Sangeeta Sharma Kundra "Geet" said...

धन्यवाद जी
मैंने भी इसे गाकर ही प्रस्तुत किया है