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Sunday, 14 March 2021

1585 तेरी ओर खिंचा जाता हूँ मैं

 तेरी ओर खिंचा जाता हूँ मैं। 

बिन तेरे रह नहीं पाता हूँ मैं। 

प्यार तुझसे है मुझे कितना,

यह समझ नहीं पाता हूँ मैं।


तू भी कर प्यार मुझसे।

कर दिल निसार मुझपे। 

खो जाएं एक दूसरे में हम,

यूँ कर आंखें चार मुझसे।


हो जाए कुछ ऐसा कि ,

रह ना पाए तू मेरे बिन।

जिस तरह कटे मेरी रातें,

 वैसे कटें तेरी, तारे गिन।


तू समझ जाए फिर,

 मेरे दिल के जज्बात।

एक हो जाए फिर ,

तेरे मेरे दिल के हालात।

9.04pm 14 March 2021

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