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क़ाफ़िया आर
रदीफ़ हो गया
उनसे मिली नज़र तो मुझे प्यार हो गया।
हूँ खुशनसीब उनका था दीदार हो गया।
खुद को समझ रहा था बहुत सबके सामने।
आते ही उनके सामने बेकार हो गया।
काफ़ी वो देर जब मुझे थे घूरते रहे।
मैं डर गया लगा था कि इनकार हो गया।
वो आए मेरे सामने जब इक अदा के साथ।
मुझको लगा था मेरा बेड़ा पार हो गया।
दिल हो गया दिमाग पे हावी, मगर ये क्या।
मिलते ही उनसे जैसे समझदार हो गया।
दिन बीतते थे 'गीत' के यूँ प्यार में सुनो।
कब जाने सोमवार से इतवार हो गया।
9.04pm 2 Dec 2024
1 comment:
Very nice ji
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