221 2121 1221 212
क़ाफ़िया आ
रदीफ़ ज़रा ज़रा
जब से मिली नज़र तुझे सोचा ज़रा ज़रा।
पछता रहा हूंँ क्यों तुझे देखा ज़रा ज़रा।
जब से तुझे है देखा मेरा चैन खो गया।
आया है चैन तूने जो समझा ज़रा ज़रा।
मदहोशी छा गई जो मिले तुम न मुझको फिर।
तूने जो हांँ की होश था आया ज़रा जरा।
जो सोच इक दफ़ा लिया तुझको मैं पाऊंँगा।
की कोशिशें हज़ार तो पाया ज़रा ज़रा।
तुम मिल गई मुझे खुशी अब क्या बताऊंँ मैं।
चाहे था तुमने प्यार निभाया ज़रा ज़रा।
हूंँ खुश नसीब मुझको तेरा प्यार मिल गया।
पाया था 'गीत' चाहे जताया ज़रा ज़रा।
9.06pm 2 Feb 2025
221 2121 1221 212
इसी बहन पर फिल्मी गीत
मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी-कभी
No comments:
Post a Comment