क़ाफ़िया आ
रदीफ़ अकेले-अकेले
यहां क्यों है बैठा अकेले-अकेले।
बता सोचता क्या अकेले-अकेले।
ये जीवन बना इक है मुश्किल पहेली।
ना सुलझा सकेगा अकेले-अकेले।
कई मुश्किलें सामने जो हैं तेरे
तू कैसे लड़ेगा अकेले-अकेले।
बना हमसफर तू किसी को तो अपना।
तू कब तक चलेगा अकेले-अकेले।
जो ले साथ अपने किसी को चलेगा।
तो फिर डर रहेगा अकेले अकेले।
कोई साथ हो रास्ता लगता आसान।
तू अब छोड़ चलना अकेले-अकेले।।
मिलें दो जो तब बन ग्याराह हैं जाते।
नहीं कुछ है बनता -अकेले अकेले।
बना हमसफर 'गीत' अपना किसी को।
नहीं कुछ मिलेगा अकेले-अकेले।
10.56pm 26 March 2025
Qafiya aa
Radif: Akele-Akele
Yahan kyon hai baitha akele-akele?
Bata sochta kya akele-akele?
Ye jeevan bana ek hai mushkil paheli,
Na suljha sakega akele-akele.
Kayi mushkilein saamne jo hain tere,
Tu kaise ladega akele-akele?
Bana humsafar tu kisi ko toh apna,
Tu kab tak chalega akele-akele?
Jo le saath apne kisi ko chalega,
Toh phir dar rahega akele-akele.
Koi saath ho, raasta lagta aasan,
Tu ab chhod chalna akele-akele.
Milen do jo tab ban gyaarah hain jaate,
Nahi kuch hai banta akele-akele.
Bana humsafar 'Geet' apna kisi ko,
Nahi kuch milega akele-akele.
इस बहर पर कुछ मशहूर फिल्मी नगमे और गीत
ये महलों ते तख्तों ये ताजों की दुनिया
मुझे प्यार की ज़िंदगी देने वाले
जिन्हें नाज़ था हिन्द पे वो कहाँ जाएँ |
इशारों इशारों में दिल लेने वाले
तुम्हें प्यार करते हैं करते रहेंगे
मुहब्बत की झूठी कहानी पे रोये
संभाला है मैंने बहुत अपने दिल लो |
No comments:
Post a Comment