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Saturday, 15 July 2017

222 नहीं जानते दिल का हाल क्या होगा (Nahi Jante Dil Ka Haal Kya Hoga)

वो जो कभी आ भी गए हमारे पास ,
तो नहीं जानते दिल का हाल क्या होगा।
जान पर न बन जाए हमारी,
ना जाने हम कुछ कह भी पाएंगे या नहीं ,
जब उनसे हमारा सामना होगा।
दिल की हालत का क्या कहें,
तन भी साथ तब होगा कि नहीं होगा।
वह जो कभी.........।
अभी तो हम सोचते ही हैं कि उनसे क्या कहेंगे,
जब कभी बात हो गई तो हाल उनके दिल का , नहीं जानते हम क्या होगा।
ज़माने ने जो देख लिया इजहार ए ,इकरार ए मोहब्बत,
 तो इसका अंजाम क्या होगा।
वह जो कभी........।।
यूं तो हरदम रहते ही हैं वो हमारे पास,
यह तो ख्वाब है ,
जो हकीकत से सामना होगा तो हाल-ए-दिल क्या होगा।
हम ना कुछ कहें, वो ही कह दें हाल-ए-दिल।
क्या यही दिल को तब आसरा होगा ।
वह जो कभी...........।।।
क्या सोचे जा रहे हैं यूं ही हम, जो वो नहीं है हमारे पास ,
तो फिर  सोचने से यूं ही दिन रात क्या होगा।
जब वह होंगे नजर के सामने तो हम चुप रहेंगे ,
आंखों से बात होगी और क्या होगा।
वह जो कभी........।।।।
222 11Oct 1990
Wo Jo Kabhi Aa Bhi Gaye Hamare paas To Nahi Jante Dil Ka Haal Kya Hoga.
Jaan Pe Na Ban Jaye Hamari,
Na Jaane hum kuch keh bhi Paaenge ya nahi,
 Jab Tumse Hamara Samna hoga.
Dil Ki Halat ko kya Kahain, Tan Bhi Sath Tab Hoga Ki Na Hoga.
Wo Jo Kabhi ...........
Abhi toh hum sochte Hi Hain ki unse kya Kahenge,
Jab kabhi baat ho gayi to Haal Un Ke Dil Ka, Nahi Jante hum kya hoga.
Zamane Nein Jo dekh liya Izhar e, iqrar e Mohabbat Toh IsKa Anjaam kya hoga.
 wo Jo Kabhi.......
Youn Tuo Herdum Rehte hi Hain wo Hamare Paas,
Yeh Toh Khaab Hai,
 Jo Haqeeqat Se SAamna hoga toh, Haal E Dil Kya Hoga.
Hum Na Kuch Kahain, Wohi Keh dain Haal e dil.
Kya yeahi  Dil Ko Tab aasra hoga.
Wo Jo Kabhi.........
Kya sochai ja rahi hai Yu Hai Hum.
Jo wo Nahi Hai Hamare Paas,
 Toh Phir Sochne Se Yuhi ,Din Raat kya hoga.
Jab wo Honge Nazar Ke Samne ,
TAb hum Chup Rahenge ,
Aankhon se baat Hogi aur kya hoga.
Wo Jo Kabhi.......

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